नदी की तेज़ धार में पत्थर सा अडा़ हूं मुश्किलों के आसमान में बाज़ सा उड़ा हूं नदी की तेज़ धार में पत्थर सा अडा़ हूं मुश्किलों के आसमान में बाज़ सा उड़ा हूं
वो तो बस उसी जिद्द पर ही तो अड़ा बैठा होगा वो तो बस उसी जिद्द पर ही तो अड़ा बैठा होगा
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।
पास आओ ना पास आओ ना